शक्ति का आह्वाहन
मनवा में मेरे आंधी है उठी,
और स्तब्ध ....खड़ी हूँ मैं
साँसों में बाँध अपनी ही साँस,
निशब्द खड़ी हूँ मैं
दुनिया से जीती जीती,
ख़ुद से हारी ...बस ध्वस्त खड़ी हूँ
मैं आइना मैं और अक्स मैं,
मद मस्त खड़ी हूँ मैं
झाम झाम झाम झाम झाम्जवात
अन्तर में गूंजे दिवस रात
एक शुन्य शुन्य कपटी
विशाल माया की दशा
से लड़ती मैं भीती
विश्वस्त खड़ी हूँ मैं
मेरी लाज मैं हूँ,
चुनर भी मैं हूँ
चुनर पे दाग भी मैं
मैं ध्वस्त ध्वस्त,
मैं नष्ट पस्त
मैं सरल विर्रल,
मैं अति विशिष्ट
मैं श्याम श्वेत,
बादल में रेत
निरझर सी झारी हूँ मैं
अंधियारी रात, दीपक मैं बाटी
स्वप्निल सी खड़ी हूँ मैं
कंचन की काया,
अपना ही साया
बस ख़ुद से दरी हूँ मैं
लकड़ी में गीति,
थोडी सीली सीली
थम थम के जली हूँ मैं
मैं माया माया,
मैं छाया छाया
आत्मा और काया मैं
विश्वस्त खड़ी हूँ मैं
लागा चुनरी में दाग
सर्वत्र खड़ी हूँ मैं
लागा चुनरी में दाग
सर्वत्र खड़ी हूँ मैं
2 comments:
just loved it, u wrote it pal??????
Nah Nidhi its from that movie "laga chunri main daag"...hear it and you will get goosebumps....another fav is yeh honsla...both songs are very clsoe to my heart.
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